तेरी काजल वाली अखियां
तेज से छुप गया दिल को
तू भी न जाने कैसी लगी है
तूफानों के साथ आग मन में
मन की गहराइयों में छुपी बेबसी
आँखों में छुपी वो बेख़ुदी का जज्बा
सपनों की गलियों में खोई एक ख्वाबी
दिल की धड़कन में बसी है वो प्यासी
सितारों से सजीव रात की लम्बाईयाँ
वो चाँदनी की चादर में लिपटी बेख़ुदी
धीरे-धीरे खो जाना उस आग में
जैसे मिल गई हो दो ज़िन्दगानीँ को
यह सब सिर्फ उस एक पल की कहानी है।
रचना
जी आर कवियूर
12 10 2023
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