Sunday, October 29, 2023

दिन रात सपनों के सौदागर हो तुम

दिन रात सपनों के सौदागर हो तुम

मन की गहराईयों में बसी अजब कहानियाँ हो तुम  
चाँदनी रातों में बिखरी ख्वाबों की रानियाँ हो तुम  

हर बुढ़ापे की बहार और जवानी की मस्ती हो तुम  
जीवन की हर राह में बिखरी हंसी की बस्तियाँ हो तुम  

बारिशों की बूँदों में लिपटी खुशबू की बूंदें हो तुम  
ख्वाबों की उड़ान में बसी आसमान की सीरी हो तुम  

सुबह की पहली किरन में बसी आशा की चाँदनी हो तुम  
रात की गहराईयों में बसी चाँदनी की महफिलें हो तुम  

सपनों की मिठास में छुपी जिंदगी की मिठास हो तुम  
हर ख्वाब की ऊँचाईयों में बसी मन की उम्मीद हो तुम  

सपनों के संग सजीव रंगों की छाया हो तुम  
जीवन की हर कहानी में बसी प्यार की छाया हो तुम।

रचना 
 जी आर कवियूर
 29 10  2023


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