Tuesday, July 4, 2023

भुला ना पाया ....

भुला ना पाया ....

गजलो में गजल तू
गुलाब की फूलों में
मेहक और चमक 
चुभता हुआ कांटे भी तू

जिंदगी की राह में
भंवरों के पांव तले तू
तुझे बचाए कांटे और
समा जाए  सितम तुझ में ही

बेकरारी की आलम में
सब कुछ भूल है 
तेरे सिवा अधूरी है
जिंदगी के करवाएं

कुबूल है हर अदाएं तेरी
भूल ना चाहा मगर
भुला ना पाया तेरी
यादों की गुलदस्ते

रचना 
जी आर कवियूर 
03 07 2023

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