Saturday, July 22, 2023

बेकरारी से - (गजल)

बेकरारी से - (गजल)

इश्क की दरिया में
जा मिलने की ख्वाब
देख कर चले गली 
चौबारा से दूर दूर

जूझता हुआ मीठे दिनों की
तेरी यादों की कश्ती में
दुनिया की रंगरलिया से
हटकर चलता रहा हूं

बेजुबान सा हो गया हूं
बिना तुझे देखकर
कली जो खेली और
भंवरों की मर्डर आने की
सुख देखते ही बीते हुए दिनों में
जा अटका है राहै
तुझे मिलने की आशा से
जी रहा हूं इस तरह
सनम बेकरारी से

लेखक
जी आर कवियूर
23 07 2023

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