तेरे बिना
यह रिश्ते नाते
तेरे बिना
कैसे जिए
तेरे बिना
ज़िन्दगी के सफर में
मिलते हैं ये सबसे
कहीं से ये रिश्ते
या हैं ये सबसे
मुझे चाहे ना भी
मेरा दिल ये दे बैठा
तुझे चाहूँ कैसे
ये तू समझा
हर पल यहाँ जीवूं
जीवूं मैं कैसे
तेरे बिना
तेरे बिना
मेरी रातों का तू साहिल
हर ख्वाब में तेरी मुस्कान
दिल धड़के तेरी बातों में
तू है मेरी जिंदगी का एक हिस्सा
खोई राहों में मिलता नहीं
तेरी बिना ये जहाँ लगता नहीं
बीते पलों की यादें
तेरी आँखों में हैं बसी
हर दर्द ओ ग़म को छोड़ कर
तेरे साथ हैं मेरे रास्ते
तू मेरी धड़कन, तू मेरा साथी
तेरे बिना, ये जीवन लगता नहीं
यह रिश्ते नाते
तेरे बिना
कैसे जिए
तेरे बिना
रचना
जी आर कवियूर
22 11 2023
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