तेरी यादों की जख्मों में
मलम लगाने की कोशिश
हार गया हूं बीते हुए दोनों की
हलचल से बुलाने की कशिश नहीं
तुझसे दूर जाने की सोच कर
दिल में दरारें बढ़ गईं हैं
तेरे बिना जीने की तलाश में
रात-दिन निगाहें बिछाई है
जब भी याद आती है तेरी मुस्कान
दिल बेहलाने के लिए कोशिशें हैं
तुझको भूलने की कभी कोशिश
मन में होती है, पर कामयाब नहीं
बीते दिनों की बातें चिढ़ जाती हैं
तेरी यादों में ही खो जाता हूं
इस दर्द को कैसे दिल से निकालूं
तुझसे जुदा होने की दर करता हूं
क्या कहूं, तू है मेरी जिंदगी का हिस्सा
तेरी यादों में बिताई हर पल की ख़ुशियाँ।
रचना
जी आर कवियूर
15 09 2023
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