Friday, September 15, 2023

तेरी यादों की जख्मों में

तेरी यादों की जख्मों में
मलम लगाने की कोशिश
हार गया हूं बीते हुए दोनों की
हलचल से  बुलाने की कशिश नहीं

तुझसे दूर जाने की सोच कर
दिल में दरारें बढ़ गईं हैं
तेरे बिना जीने की तलाश में
रात-दिन निगाहें बिछाई है

जब भी याद आती है तेरी मुस्कान
दिल बेहलाने के लिए कोशिशें हैं
तुझको भूलने की कभी कोशिश
मन में होती है, पर कामयाब नहीं

बीते दिनों की बातें चिढ़ जाती हैं
तेरी यादों में ही खो जाता हूं
इस दर्द को कैसे दिल से निकालूं
तुझसे जुदा होने की दर करता हूं

क्या कहूं, तू है मेरी जिंदगी का हिस्सा
तेरी यादों में बिताई हर पल की ख़ुशियाँ।

रचना 
जी आर कवियूर 
15 09 2023

No comments:

Post a Comment