Tuesday, September 12, 2023

ख्वाब मुझे बहुत सताता है

तारे टूट कर बिखर जाएगा
चांद बादल में छुप जाएगा
तेरे ना आने पर मैं टूट जाऊंगा
इस तरह रूठ कर क्यों जाती हो

जैसे सागर साहिल से दूर जाकर
रोते हुए लौटकर आता है
यह तन्हा और नहीं सह पाऊंगा
तेरे बिना कैसे जी पाऊंगा

तू मेरी जिंदगी की रौशनी है
तुझसे जुदा होने का डर सताता है
तेरी आवाज़ की मिठास मुझको बहुत याद आती है
खो जाने का ख्वाब हर रोज़ सताता है

प्यार की राहों में दर्द होता है
फिर भी तुझसे मोहब्बत होती है
तू मेरी जिंदगी का एक हसीन सफर है
तुझे खोने का ख्वाब मुझे डराता है

इस तन्हाई में तेरी यादें सजती हैं
दिल के दरिया में तेरा नाम बहता है
तुझसे मिलकर ही मेरी जिंदगी का मतलब है
तेरी बिना जीने का ख्वाब मुझे बहुत सताता है

रचना 
जी आर कवियूर 
12 09 2023

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