यह एक सपना बन जाता है
मैं तुमसे कुछ नहीं कह सकता
कभी नहीं भूलें
भीतर का मीठा दर्द
यादें मुझे खुद से अलग बनाती हैं
हजारों फूल खिले मन में
एक चांद सा चेहरा निकला
अपने पंख फैलाओ और तितली बन जाओ
उड़कर करीब आने की चाहा था
यह सिर्फ एक सपना बन कर रह जाता है
जी आर कवियूर
28 09 2023
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