गजल- जाने क्यों
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका
जिंदगी के इस राह पर खड़ा हूं
तेरी नैनो की झलक पाने के लिए
क्या कोई बता दे , यही है क्या
मोहब्बत की दास्तान
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जानता हूं तेरे बात को अच्छी तरह
जाने क्यों मुलाकात ना हो सका,
जी आर कवियूर
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