Wednesday, February 15, 2023

तेरे बगैर ( गजल )

तेरे बगैर ( गजल )

तेरे बगैर जीना दुश्वार हो गया है
तेरी यादों के मंजर पर घूमता रहा हूं
प्यासा हूं इस तरह तेरी प्यार पाने के लिए
नींद नहीं चैन नहीं आंखें तरस रही है तेरे लिए

चांद सितारों जगमगाते रहे 
तेरे सोच में मैं बावला बनता गया
तन्हाई के आलम ने मुझे 
शायर बना दिया 
कितना भी लिखेगा हूं
कम महसूस हुए तेरे बगैर

तेरे बगैर जीना दुश्वार हो गया है
तेरी यादों के मंजर पर घूमता रहा हूं

लेखक
जी आर कवियूर  
15 02 2023

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