गम ना हो
प्यार हो जैसा कोई
गम ना हो तेरे सिवा
कहने को तो दम जैसा
वहां के इस दो लब मैं हो
इस तरह कहते हैं
मोहब्बत को प्रेम
जो निकल जाता है
तू जब रूठ कर
चले जाते हो दूर
वापस लौट आए तो
सुकून मिले जैसा की
पा गए मंजिल और महफिल
काश ऐसा होता तो
कितना अच्छा लगता
प्यार हो जैसा कोई
गम ना हो तेरे जैसा
जी आर कवियूर
20 02 2023
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