Tuesday, December 5, 2023

मेरी ख्वाहिश, तुझे पाना। ( गज़ल )

मेरी ख्वाहिश, तुझे पाना। ( गज़ल )

रातों के सन्नाटा में 
तेरी होठों में खिली 
आवाज मुझे खींच लाती है
महफिल की  तराना में

सितारों से रौशन है रात,
तेरी मुस्कान की मिठास का साथ।
चाँदनी की रातों में, जैसे सपनों का सफर,
तेरी बातों में बसा है प्यार।

जब से मिला हूँ तुझसे, 
हर लम्हा है महका,
तेरे साथ बिताए लम्हों में, 
है सच्चा प्यार का इज़हार।

तेरी बातों का जादू है, 
मेरे दिल को छू गया,
इस गज़ल में है 
मेरी ख्वाहिश, तुझे पाना।

रचना , 
जी आर कवियूर

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