चैन नहीं
दिन में चैन नहीं
रातों को नींद दिया भी नहीं
तेरी रूह दिखती है
तन्हा हो गई मन भर आई
बीते हुए दिनों का सपने
जीने की सहारा है
कह दो कि तुम मुझे
तिनका भर्ती चाहते हो कि नहीं
हाय यह दिल की हालत
क्या बताएं कि मेरी
कलम भी रोने को आई
तेरे नाम का शेर शायरी और
गजलो से मन नहीं भरी
दिन में चैन नहीं
रात को निंदिया भी नहीं
जी आर कवियूर
15 03 2023
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