महफिल मैं ( गजल )
देखता रहता हूं
तेरे चेहरे पर
चांद सितारों की महफिल
मन में उठ गई लहर
जैसे सागर उठे साहिल पे
तेरी बोली सुन
कुकू गाए कोयल
तेरी चमक दमक देख
तितली भी शरमाए
तेरे लिए मैं लिखूं नगमे
गाता रहूं गजलों को
देखता रहता हूं
तेरे चेहरे पर
चांद सितारों की महफिल
रचनाकार
जी आर कवियूर
27 03 2023
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