चाहता हूं तुझे (गजल)
आज भी चाहता हूं तुझे
कहने को और नहीं रह गई बातें
हजार बार करके क्या होगा सनम
दिल्लगी तेरी याद में लिख गाता रहूं
हाय मोहब्बत मुझे भी
भl गई है क्या कहूं
तनहाई की राहों से जूझ रहा हूं
तेरी एक झलक पाने के
लिए तरस रहा हूं सनम
बदले यह समा बदले रुतु
आसमान में सतरंगी दिखे
बादल गरजे बिजली चमके
कोयल कुके मोर नाचे
तेरी याद में मगन होकर
जी रहा हूं अनहोनी राहों में
खो गया हूं नगमें में तेरे लिए
दिन में भी तारे गिनता हूं तेरे लिए
रचना
जी आर कवियूर
17 03 2023
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