Friday, March 31, 2023

तेरी अखियां

तेरी अखियां

तेरी पहचान तो
तेरी अखियां ही है
दो चार से मिले तो
दिल की धड़कन बड़ी

क्या कहूं किस्सा
किसको बताऊं मैं
हैरान हूं
दूर तू रहे तो भी
पास रहने का एहसास है

बरसों से तेरी याद को
सीने पर लिए घूमता हूं सनम
बेकरारी से तड़पता गया
तनहाई मुझे खाती रही
तेरे पहचान तो
तेरी आंख्या ही है

रचनाकार
जीआर कवियूर
01 04 2023




No comments:

Post a Comment