देखता रह जाए
देखो तो देखता रह जाए
बोलो तो बोलता रह जाए
गालों की लाली गुलाब जैसे
होठों से बोली कोयल की जैसे
फूलों पर भंवरा मंडराए
तेरी यवन देखकर घबराए
तेरी कहानीे सुनते सुनाते
गालिब और मीर
गजलों से अमीर बन जाए
गली चौबारा से देख तुझे
कोतवाल भी
कव्वाली गाता रह जाए
अमीर या गरीब
देखो तो देखता रह जाए
बोलो तो बोलता रह जाए
रचनाकार
जी आर कवियूर
28 03 2023
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