दिल का गीत गाता हूँ
लफ्ज़ भीगी खामोशियों में
आईना सच दोहरा रही
दिल मगर मानता नहीं
बेजुबानियों का कीमत नदिया
इश्क की राहों में
कहानियाँ बसा रही
रातें बिताई सपनों की छाँवों में
बयां करता हूँ अब आँसू बहुत हूँ
धूप में छुपा सितारों का सफर रहा
मोहब्बत की राहों में उम्मीदों की बूंदें
तेरे बिना हर लम्हा बेरहमी से कहता हूँ
ख्वाबों की गलीयों में राह खोजता हूँ
हर ख्वाब में तेरी मुस्कान बसा रहा
सितारों की रातों में
दिल का गीत गाता हूँ
प्यार की कहानी लबों पर सजा रहा
रचना
जी आर कवियूर
03 01 2024
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