Tuesday, January 2, 2024

दिल का गीत गाता हूँ

दिल का गीत गाता हूँ


लफ्ज़ भीगी खामोशियों में 
आईना सच  दोहरा रही
दिल मगर मानता नहीं
बेजुबानियों का कीमत नदिया

इश्क की राहों में 
कहानियाँ बसा रही
रातें बिताई सपनों की छाँवों में
बयां करता हूँ अब आँसू बहुत हूँ

धूप में छुपा सितारों का सफर रहा
मोहब्बत की राहों में उम्मीदों की बूंदें
तेरे बिना हर लम्हा बेरहमी से कहता हूँ
ख्वाबों की गलीयों में राह खोजता हूँ

हर ख्वाब में तेरी मुस्कान बसा रहा
सितारों की रातों में
दिल का गीत गाता हूँ
प्यार की कहानी लबों पर सजा रहा


रचना 
जी आर कवियूर
 03 01 2024

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