Monday, January 1, 2024

दिल को रुला दिया

दिल को रुला दिया

आपकी नजरों ने 
मुझे गुमराह कर दिया
हाल किसे बताऊं
बेखबर कर दिया

ख्वाबों का जहाँ है
दिल बेहला बैठा
रातें सुनाती हैं
कहानी वो बीता दी

चाँदनी की रातों में
बूंदें गिरा दी
इश्क की बहारों में
दिल को बहला दिया

दर्द की राहों में
खो गया हूँ मैं
आँसूओं की बूंदें
रातों में बहा दी

बेहद तन्हा हूँ
तेरी बातों में
चाँदनी की रातों में
दिल को रुला दिया

रचना 
जी आर कवियूर
 02 01  2024

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