दिल को रुला दिया
आपकी नजरों ने
मुझे गुमराह कर दिया
हाल किसे बताऊं
बेखबर कर दिया
ख्वाबों का जहाँ है
दिल बेहला बैठा
रातें सुनाती हैं
कहानी वो बीता दी
चाँदनी की रातों में
बूंदें गिरा दी
इश्क की बहारों में
दिल को बहला दिया
दर्द की राहों में
खो गया हूँ मैं
आँसूओं की बूंदें
रातों में बहा दी
बेहद तन्हा हूँ
तेरी बातों में
चाँदनी की रातों में
दिल को रुला दिया
रचना
जी आर कवियूर
02 01 2024
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