Thursday, January 18, 2024

बात कितनी पुरानी हो

बात कितनी पुरानी हो

बात कितनी पुरानी हो
यादें हमेशा रहती हैं, 
कुछ क्षणों की बातें 
हमेशा दिल में बसी रहती हैं।

अजनबी राहों में, 
वो मुलाकातें भी हैं,
बीते लम्हों का जादू, 
दिल में छाया है।

बारिश की बूंदों में,
 सपने बिखरे हैं,
मिले थे हम, 
वो पल अब भी याद आते हैं।

दिल की धड़कनों में,
 एक कहानी है,
लब पे हंसी, 
मगर दर्द की बातें हैं।

ख्वाबों का जहाँ, 
दिल में बसा हुआ है,
जब से मिले हैं,
 हर दिन सा नया है।

रात की स्याही में, 
चाँदनी छुपी है,
तेरी मुस्कान, 
जीवन को सजा हुआ है।

रचना 
जी आर कवियूर
 18 01 2024

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