बस इंतजार में
बेसब्री से तेरा इंतजार में
कायम है तेरी याद में
बेचैनी से रहा हूं तन्हाई भरी
इस महफिल में
मेरे दिल का हाल है कहना
बस एक मुलाकात में
सपने बिखरे हैं रात में
रातें हैं लम्बी, दर्द है गहरा
खो गई बातें, बनी है राज़
चाहता हूं तुझे, बस यही है आज
हवा में बसी है महक तेरी
दिल की धड़कनों में बसा है प्यार
तुझसे मिलने की है बस इंतजार
रचना
जी आर कवियूर
26 01 2024
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