Friday, January 26, 2024

बस इंतजार में

बस इंतजार में

वक्त बहुत कम है
बेसब्री से तेरा इंतजार में
कायम है तेरी याद में
बेचैनी से रहा हूं तन्हाई भरी
इस महफिल में

मेरे दिल का हाल है कहना
बस एक मुलाकात में
सपने बिखरे हैं रात में

रातें हैं लम्बी, दर्द है गहरा
खो गई बातें, बनी है राज़
चाहता हूं तुझे, बस यही है आज

हवा में बसी है महक तेरी
दिल की धड़कनों में बसा है प्यार
तुझसे मिलने की है बस इंतजार

रचना 
जी आर कवियूर
26 01 2024

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