Sunday, January 7, 2024

तेरे सवालों के जवाबों में

तेरे सवालों के जवाबों में

उम्र भर तेरे याद पर
जीता रहा इस हाल में
तेरी खामोशियां मुझे
बेनकाब कर दिया है

दिल की बातें रुकी हैं
बस मेरी आँखों में
इश्क़ की राहों में
खो रहा हूँ साँसों में

बूंदों की तरह गिरा
तेरे दीदार का सामान
मेरी रातों में
जलता है तेरा इंतजार मैं

राहों में बिखरी है
तेरी मुस्कान की बूंदें
सपनों में हूँ भटका
तेरी यादों के ख्वाबों में

रूह का हर किस्सा
तेरे इश्क़ में बयाँ है
बसा हूँ मैं इस दीवारों में
तेरे सवालों के जवाबों में

रचना 
जी आर कवियूर
 07 01 2024

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