Monday, January 22, 2024

जिंदगी की राह में

जिंदगी की राह में

जिंदगी की राह में
रंग बदलते गए
आखिर सपना 
सपना सा रह गया

संग चलता रहा, 
राहों में हंसता रहा  
मुश्किलों की चुनौतियों से 
मुकाबला करता रहा  

छोड़ ना पाया सपनों को, 
उन्हें पकड़ता रहा  
जीवन की कहानी,
 कुछ नए पन्नों में लिखता रहा  

आसमान में चमकते सितारे, 
रातों को सजाते रहा  
दिल की धड़कन, 
ख्वाबों में गूंथता रहा  

हर चुनौती में अब 
एक नया सीख चुराता रहा  
बीते क्षणों की मिठास, 
दिल में समाता रहा  

खुशियों का साथ,
 दुखों का सामना करता रहा  
इस जिंदगी की मिसाल,
 हर कदम पर छोड़ता रहा  

सपनों का सफर, 
बिना रुकावट के बढ़ता रहा  
और आखिर में, 
एक सच्चा आत्मविश्वास 
बनाए रखता रहा।

रचना 
जी आर कवियूर
23 01 2024

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