भीकरे तेरी राहोप्पे
रात गयी तो बात कोई न समजे
मुलाकात कितनी बी हो गये
शाम और रात गुजरगाये
दिलकी लगी आग कोईना भुजाये
तेरी अश्को से बरी गीला हुवा चादर
वे रहे फिर भी खामोश इसकदर
आये गये ऋतुवसे तेरी आनेकी इंतजार
हरेक सासोमे , हरेक आहट मे तेरी
आनेकी उम्मीदोपपे जीराहुमे
तेरे बारेमे कहगई कोयल
हवावोमेभी तेरी अनमोल महक
पुलभी खिलके भीकरे तेरी राहोप्पे
जी आर कवियुर
05 06 2020
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