Saturday, June 13, 2020

मेरी गम (गजल)


मेरी गम (गजल)

और गम लेकर जुदाई के
 सौगात करूं कैसे 
मन अपनी रास्ते पर खोजें 
तेरी नैनो की रंग भरी दिवाली

 तरसे होठों का 
चाहत इतना भी है 
फिसल गई हाथ से 
जाम और जानम भी 

टूटे हुए दिल की लंबे
 ढूंढते रह गए 
तेरी आशियाना ओ को 
मगर मिला नहीं अंजुमन तेरी

 जीआर कवियाूर
14.06.2020

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