Thursday, April 30, 2020

समय की दूरी

समय की दूरी


सफरोकि जिंदगी में
काम्याबी के डगरपे
किस  कदर  रखु मे तेरे
किस्सो को  बेनक्काब ॥

दूप और  छाव  केलिए
आशियानो पे हर कदम
ढूंढ़ता  चला  तेरी नेनोतले
हरवक्त दिलगी मचलती गई ॥

तडपता रहगया इस दुनियाकी
तकलीफ भरे दिनोमे खोजता तुम्हे
तारीफ करूकिसको तुजे बनाया
तेरीमेरी बिचकि दूरी करगया समय ॥

जी आर कवियुर
30/04/2020

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