कविता हृदय के लिए एक होम की तरह, हर स्वर जगाता है
यादें पंख फैलाकर सपनों को छूती हैं (2)
दुःख की छायाएँ ध्वनि में बहती हैं
मौन का संगीत हृदय को झंकृत करता है (2)
अकेलापन और विरह, पंक्तियों में स्पर्श करते हैं
आशा की नई ज्वालाएँ पंक्तियों में जन्म लेती हैं (2)
यादों की धारा में बहती राहें
शब्दों में मिश्रित हृदय गीत जीवन को देता है (2)
प्रेम, आनंद, दुःख — सब एक साथ
ध्वनि की लय में यह सांत्वना है, विश्वास है, जीवन है, वायु है, आत्मा का अंश है, सतत साथी है (2)
दुःख भरे क्षणों में भी
यह हृदय गीत औषधि बनकर हृदय को जगाता है (2)
जी आर कवियुर
10 12 2025
(कनाडा, टोरंटो)
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