तेरे प्यार ने मुझे सताया गया है,
रात की नींद भी तूने चुराया गया है। (2)
इक नज़्म की तरह ढल गई तेरी बातें,
दिल पे लिखकर भी वो मिटा न पाया गया है। (2)
तेरी यादों का जहाँ मैंने बसा रखा,
हर इक मोड़ पे तेरा नूर सजा पाया गया है। (2)
तेरे बिना ये दिल वीरान सा हो गया,
हर ख़्वाब मेरा अधूरा रह गया गया है। (2)
तन्हाई में भी तेरा नाम लबों पे आया,
हर आह मेरी तेरी ओर ही बढ़ गया गया है। (2)
तेरी हँसी का असर मेरे दिल पे ऐसा,
हर दर्द भी अब मुझसे दूर हो गया गया है। (2)
कहते हैं जी आर को भी मोहब्बत ने बदल दिया,
अब वो भी तेरे नाम से ख़ुद को पहचानता गया है। (2)
जी आर कवियुर
08 12 2025
(कनाडा ,टोरंटो)
No comments:
Post a Comment