Saturday, December 6, 2025

दिल में तुम्हारा नाम लिखा है।

अजनबी बनकर रहते हो  
तमन्नाओं की भीड़ में  
तुम्हारी यादों के साए  
छुपे हैं हर एक दीवार में।  

खामोशियों की बातें हैं  
दिल के जज़्बातों की लहर में।  
तन्हाई का ये आलम है  
जैसे कोई खो गया हो सफर में।  

तेरे बिना ये शाम सुनी है  
हर रंग फीका सा लगता है।  
तेरी हंसी की गूंज सुनूं  
तो हर दर्द भी भुला देता है।  

तुमसे मिलकर जो एहसास हुआ  
वो पल अब तक यादों में बसा है।  
अजनबी बनकर रहते हो तुम,  
पर दिल में तुम्हारा नाम लिखा है।

जी आर कवियूर
19 09 2024

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