Tuesday, December 16, 2025

तेरी याद में जीते हैं”(ग़ज़ल)

“तेरी याद में जीते हैं”(ग़ज़ल)

अभी भी तेरी याद में हम जीते हैं
बीते कल की तरह आज भी जीते हैं

अभी भी तेरी याद में हम जीते हैं
बीते कल की तरह आज भी जीते हैं

रातों की तन्हाई में तेरे ख्याल बसे
चाँदनी में तेरी याद के साए जीते हैं

हँसी-हँसी में छुपा लिया दर्द हमनें
लबों की मुस्कान में ग़म छुपाए जीते हैं

फूलों की खुशबू में तेरी बातें मिलीं
साँसों की खुशबू में तेरी याद लिए जीते हैं

हवा के झोंके से तेरे संदेश आते हैं
हर पल तेरे नाम के गीत गुनगुनाए जीते हैं

तेरे बिना ये जिंदगी अधूरी सी लगे, जी आर
मगर तेरी यादों के साये में हर पल जीते हैं

 जी आर कवियुर 
16 12 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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