Tuesday, December 16, 2025

दूर से मिला आश्वासन

दूर से मिला आश्वासन


मौन में तेरे अनकहे शब्द सुनाई देते हैं,
परमात्मा की उपस्थिति में हृदय को छूते हैं,
दृष्टि से दूर होकर भी आत्मा को आश्रय मिलता है,
विश्वास और ईश्वर की शांत करुणा बहती रहती है…

स्मृतियों में तुझे खोजता हूँ,
आँसुओं से रहित मुस्कान उभर आती है,
आशा का प्रकाश अंधकार को हराता है,
दूर से मिला आश्वासन हृदय को सशक्त करता है…

अनजान अंतरालों में प्रेम अपना अर्थ बताता है,
ईश्वर की करुणा की छाया में मन को सांत्वना मिलती है,
यादों की कोमल ऊष्मा में विश्राम मिलता है,
दूरी फुसफुसाए भी, मन शांत बना रहता है…

देखे बिना भी प्रेम का आशीर्वाद मिलता है,
ईश्वर की निश्चितता में विश्वास गूँजता है,
सीमाएँ बाधा नहीं, बल्कि मौन वरदान हैं,
दूर से मिला आश्वासन जीवन को आगे बुलाता है…

जी आर कवियुर 
15 12 2025
(कनाडा , टोरंटो)

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