Wednesday, December 17, 2025

दूर की आश्वासन


दूर की आश्वासन

चाँद की मुस्कान जैसे बर्फ की रात
हृदय में गहरा विश्वास खिलता है
दूर की आश्वासन दृढ़ और उज्ज्वल खड़ा है
आशाएँ मुरझाए रस्सियों जैसी, कभी न टूटतीं

दूर गए मित्रों के लिए प्रेम
स्मृति के पथ पर स्नेह फैलता है
ठंडी हवा में भी आत्मा मुस्कुराती है
विश्वास के साथ यात्री आगे बढ़ते हैं

संकट में भी साहस पाया जाता है
आँसुओं में भी एक छुपा आनंद चमकता है
दूर जाने वाले शब्द हृदय में रहते हैं
आश्वासन का प्रकाश हमेशा प्रकट होता है

जी आर कवियुर 
17 12 2025
(कनाडा , टोरंटो)


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