तेरी रोग (रोग)
लोग कहते हैं इसे दिल का रोग (2)
हर नजर में तेरा ही अक्स दिखता रोग
हर ख्वाब में बस तेरा ही सुरूर रहता रोग(2)
तेरे बिना ये दिल जैसे सूना सफ़र रोग
तेरी यादों के दीप ने हर मोड़ रोशन किया रोग(2)
कभी तू पास था, कभी दूर सा लगा रोग
तेरी चाहत में हर घड़ी मेरा दिल बहका रोग(2)
रात की तन्हाई में तेरी हँसी गूंजती रोग
हर दर्द की छाया में तेरी मुस्कान चमकती रोग (2)
तेरी बातें मेरी तन्हाई को सुकून देती रोग
तेरी यादें मेरे हर पल में रंग भर देती रोग(2)
जी आर कहता है, इस दिल की हर दास्तां रोग
तेरी मोहब्बत में बंधा हर ख्वाब और हर अरमान रोग (2)
जी आर कवियुर
02 12 2025
(कनाडा , टोरंटो)
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