देखा जो तुझे, दिल में उतर गई वही मिठास (2)
तेरी मुस्कान छू ले तो दिल में खिले उजास,
हर धड़कन कहे तेरा नाम लिए मिठास(2)
तेरी राहों में चलते ही दिल को मिले विश्वास,
कदम-कदम पे तेरी दुआ बहाए मिठास(2)
रातों में तेरी यादें रखें दिल को खास,
चाँदनी भी तेरे रंग में घुल जाए मिठास(2)
थककर भी तेरा चेहरा दे देता है उच्छ्वास,
हर सांस में तेरा असर जगाए मिठास(2)
‘जी आर’ ने तेरी रूह में पाया अनंत प्रकाश,
उसके हर लफ़्ज़ में बस तेरा ही रंग—मिठास (2)
जी आर कवियुर
05 12 2025
(कनाडा , टोरंटो)
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