Saturday, December 6, 2025

इश्कि

तुझको मेरे इश्किकी चादरमे छुप्पालुमे
आखोंके काजलमे बरलो मुझे युही
तेरी रेशमी जुल्फों के महक मुझे
दीवाना बनादिया तूने
क्या जादू है तुझमे बतादे जरा
तेरी ऑटोकि नमी से लिखी
नगमे मेरे दिलमे उत्तर गयी
लम्हा लम्हा उसे याद करके
जीता हुं इस तन्हाई में और इसे
गाकर सुनानेकी अदा मुझमे नहीं हैii

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