Saturday, December 13, 2025

सर्दियों की गर्माहट”

सर्दियों की गर्माहट”

नी रे गा मा पा धा नि सां… (soft, slow alaap)

बाहर नौ डिग्री की ठंड, हवाओं में चुभन,
अंदर पच्चीस डिग्री की गर्माहट का अपनापन।

चाय की प्याली हाथों में, भापों का गीत,
धड़कनों में गूँजते हैं सर्दी के प्रीत।

खिड़की के पार बर्फ की सफेद चादर,
भीतर घुलती है गर्म चाय की मधुर बहार।

कंबल में लिपटे, आँखों में नींद की छाया,
बाहर की ठंड और अंदर की रौशनी का माया।

हर घूँट में प्रेम और शांति का स्वाद,
सर्द हवा के बीच में यह छोटी राहत।

समय थम सा गया, पल बना अनमोल,
बाहर का तुषार, अंदर का धूल-धूल शोल।

गर्म चाय, सर्दी, और ये नर्माहट,
जीवन की छोटी-छोटी खुशियों की बात।


जी आर कवियुर 
12 12 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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