Thursday, December 11, 2025

प्रभात के सपने

प्रभात के सपने

सूर्य की किरणें धीरे-धीरे फूलों को छूती हैं
हवा की आवाज़ में गीत खुशी से बुलाते हैं
ठंडी सुबह में हृदय नए सपनों की खोज करता है
नदी शांत होकर प्रकाश फैलाती है और आकाश तक पहुँचती है

छुपे हुए काले बादल नीले आसमान को सजाते हैं
पक्षियों का पहला संगीत पूरा जंगल भर देता है
नए दिन की गर्मी में रेत की लहरें चमकती हैं
मार्ग फूलों की खुशबू में अनुभव की खोज करते हैं

रंगों से भरे पेड़ शांति प्रदान करते हैं
ठंडी सूर्य की किरणें धरती पर चमकती हैं
स्मृतियाँ नए जीवन की लय में नाचती हैं
सुबह की शांति में सपने जन्म लेते हैं

जी आर कवियुर 
10 12 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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