Thursday, December 11, 2025

अंगारों में (ग़ज़ल)

अंगारों में (ग़ज़ल)

अंगारों में जलते रहके भी
तेरी यादों में खोए रहके भी (2)

चाँदनी में तेरा नाम लेके भी
रात भर तेरी बात सोच के रहके भी (2)

दूरियों में दिल को बहलाते रहके भी
तुम्हारी खुशबू में खोए रहके भी (2)

अधूरी बातें मुस्कान में छुपाकर
तेरे ख्यालों में बहे रहके भी (2)

धड़कनों को तेरे इंतजार में गिनकर
सपनों में तुझसे मिले रहके भी (2)

तन्हाई में तेरा हाथ पकड़कर
आँखों में आंसू पोंछते रहके भी (2)

जी आर लिखते हैं इश्क़ की दास्तान
दिल में तेरी याद लिए रहके भी (2)

जी आर कवियुर 
09 12 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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