Sunday, November 2, 2025

देखते‑देखते मेरा दिल (ग़ज़ल)

देखते‑देखते मेरा दिल एक मयख़ाना बन गया,
दुःख और तन्हाई की खुशबू से जीना मुश्किल बन गया(2)

रातें लंबी हुईं और चाँद भी थम सा गया,
हर सिहरन में तेरी याद का जाम छलक गया(2)

दिल की तन्हाई में तेरी हँसी का रंग बसा,
सपनों की गलियों में बस तेरा नाम लिखा गया(2)

हर साँस में तेरी बातें, हर गीत में तेरी खुशबू,
अब तो मेरी धड़कन भी तुझसे ही भरपूर हो गया(2)

दूरियों के समंदर ने हमें अलग कर दिया,
फिर भी तेरी तस्वीर मेरे मन के आईने में उतर गई(2)

जी आर कहते हैं कि प्रेम का ये आलम सही,
तेरे बिना मेरी दुनिया अब सुनसान सही(2)

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