तेरे राग में खोया मैं, हर सुर में तेरा रंग है,
हर धड़कन तेरे नाम की, हर सांस में तेरा संग है।
तेरी मुस्कान की छाया में, मिलती है मुझे राहत,
तेरी आँखों की गहराई में, हर ख्वाब मेरा है साथ।
तेरे बिना ये शाम सुनी, तेरे बिना हर गीत अधूरा,
तेरी यादों की खुशबू से, महके मेरा हर नूरा।
तेरी आवाज़ की मिठास, गुनगुनाती मन की गलियों में,
हर धुन में तेरा एहसास, बिखरी है हवा की लहरों में।
तेरे इश्क़ की नमी में, भीगी हुई मेरी रूह है,
तेरे प्यार की छाँव में, हर दर्द मेरा दूर है।
जी.आर. कहता हूँ तेरे नाम, हर राग में बसा है प्यार,
तेरे सुरों की छाँव में ही, मुकम्मल हुआ मेरा संसार।
जी आर कवियुर
03 11 2025
(कनाडा, टोरंटो)
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