Saturday, November 22, 2025

अकेले विचार – 127

अकेले विचार – 127

कोई श्रेष्ठ नहीं, कोई नीचा नहीं
सब अपने ही प्रकाश में चमकते हैं

कोई नकल नहीं कर सकता, कोई रास्ता समान नहीं
हर किरण अपना रास्ता तय करती है

तुम तुम हो, मैं केवल मैं हूँ
ब्रह्मांड की अनंत गहराइयों में खड़ा हूँ

समानता नहीं, तुलना करने का तरीका नहीं
जीवन के सदियों में हम अद्वितीय रहते हैं

हर विचार, हर सपना, हर कहानी अलग है
इन्हें मिलाकर नया संसार बनता है

हम अपने लिए निर्णायक हैं
स्वभाव और अनुभव का एक अनोखा किनारा
सब अलग चमकते हैं, कभी एक जैसे नहीं


जी आर कवियुर 
22 11 2025
(कनाडा , टोरंटो)

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