“मुस्कानों की सुनहरी रौशनी”
मुस्कान भर दे हर दिल में गर्माहट
दिन जगमग हों नर्म उजाले से
नजरें खिल उठें उम्मीद के सपनों से
गलियाँ गूंजें मीठी हंसी से
नयन बरसाएँ शीतल दया
कदम बढ़ें नेक राहों पर
हाथ थामें स्नेह की छाया
शब्द दें सच्चे विश्वास की शक्ति
चेहरे खिलें कोमल सुंदरता से
बादल छँटें नीला आकाश लिए
यादें गढ़ें प्रेम की डोर
जीवन बहे मधुर गीत बनकर
जी आर कवियुर
14 11 2025
(कनाडा , टोरंटो)
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