Monday, November 17, 2025

दिल की परीक्षाई( ग़ज़ल )

दिल की परीक्षाई( ग़ज़ल )

दिल की परीक्षाई में बस तेरी सूरत आई है
भूलने की कोशिश भी दिल को और सताई है (2)

हर एक साँस में तेरी खुशबू महक रही है
तेरी यादों का असर अब तक मेरे साथ आई है(2)

चाँदनी रात में तेरा चेहरा नज़र आता है
तेरी यादों की लौ दिल में जलती जाती है(2)

कोशिशें मेरी अब तुझसे दूर जाने की
पर तेरी मोहब्बत ने सब राहें रुकवाई है(2)

तन्हाई में तेरी हँसी गूँजती है आज भी
तेरी हर बात अब भी दिल के कानों में समाई है(2)

जी आर के हर खुशी में वह ही समाया है
उसके बिना जीवन अधूरा सा लगता है(2)

जी आर कवियुर 
15 11 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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