Saturday, November 8, 2025

क्या बताए,(ग़ज़ल)

क्या बताए,(ग़ज़ल)

दिल की तन्हाई क्या बताए,
इस दर्द की बात क्या बताए(2)

रात के सन्नाटों में खो गया मैं,
इस वीराने का हाल क्या बताए(2)

आँखों में बसी यादें चुभती हैं,
उन ख्वाबों की चोट क्या बताए(2)

हर पल तेरी कमी महसूस होती है,
इस दिल की तड़प क्या बताए(2)

हसरतों के मंजर अब भी याद हैं,
उन लम्हों की बात क्या बताए(2)

प्यार में डूबा, पर अधूरा रह गया,
इस दिल का फसाना क्या बताए(2)

जी आर कह रहा है, हर इक जज़्बात में,
इस दिल की दास्तां क्या बताए(2)

जी आर कवियुर 
08 11 2025
(कनाडा, टोरंटो)

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