Sunday, November 9, 2025

हर पल तेरी याद (ग़ज़ल)

हर पल तेरी याद (ग़ज़ल)

बेकरारी इतना हो गई तेरी याद में
दिल बहकता रहता है हर पल तेरी याद में(2)

चाँदनी भी अब अधूरी लगती है तेरी याद में
सितारों की रोशनी भी फीकी लगती है तेरी याद में(2)

हर साँस में तेरा नाम बसता है तेरी याद में
हर धड़कन की आवाज़ गूंजती है तेरी याद में(2)

बिछड़ के भी तू पास लगता है तेरी याद में
खामोशियों में तेरी हँसी सुनाई देती है तेरी याद में(2)

रात की तन्हाई भी अब प्यारी लगती है तेरी याद में
हर ख्वाब में तू सामने आता है तेरी याद में(2)

देखते देखते हर आहट पर उसकी आने की खबर,
जी आर खो गया है बेहत उसकी याद में (2)

जी आर कवियुर 
09 11 2025
(कनाडा , टोरंटो)

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