तू ही मेरी आरजू हो
हर खुशी की वजह तू हो(2)
तेरी यादों में खोया मैं हूँ
हर साँस में मोहब्बत तू हो(2)
चाँदनी रातों में जब तन्हा मैं बैठूँ
हर ख्वाब में रोशनी तू हो(2)
दिल की गहराई में जब भी मैं जाऊँ
हर धड़कन में आवाज़ तू हो(2)
तेरे बिना ये सफ़र अधूरा लगता है
जी आर की दास्ताँ, हर सफ़र में तू हो(2)
जी आर कवियुर
24 11 2025
(कनाडा , टोरंटो)
No comments:
Post a Comment