Monday, November 17, 2025

अकेले विचार – 126

अकेले विचार – 126

“आत्मविश्वास की लौ”

सुबह की किरण आज मन को जगाती है,
विचारों की राह पर आशा पनप जाती है,
नए कदम एक नया सफर बनाते हैं,
साहस का स्पर्श धड़कनों को मजबूत बनाते हैं।

दृश्य बदलते ही मौके चमकने लगते हैं,
मुस्कान से दिन भी मधुर होने लगते हैं,
विचारों की शक्ति राह को सरल बनाती है,
जब योजनाएँ मिलें तो सफलता खिल जाती है।

जो लक्ष्य चमकता है, वह आगे बुलाता है,
दृढ़ निर्णय मन में अडिग रह जाता है,
सपने पंखों जैसे ऊँचाई छू जाते हैं,
आत्मविश्वास जीवन हर पल जगमगाता है।

जी आर कवियुर 
17 11 2025
(कनाडा , टोरंटो)

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