राम राम पाहिमाम्
(भक्ति गीत – हिंदी)
राम राम पाहिमाम्,
मुकुन्द राम पाहिमाम्॥ (2)
घंटनाद गूंजे चारों ओर,
दिशाएँ सब थर्रा उठें।
राम नाम जपे हर प्राणी,
सब दुःख-द्वेष मिटें॥ (2)
राम राम पाहिमाम्,
मुकुन्द राम पाहिमाम्॥
सारा जग सुन ले यह भजन,
रावण का संहार हो।
राम का नाम ऊँचा उठे,
राम राज्य फिर साकार हो॥ (2)
राम राम पाहिमाम्,
मुकुन्द राम पाहिमाम्॥
शक्ति का ज्ञान सब पाएँ,
बलवान बनें हर जन।
सत्य की विजय सदा रहे,
सीता फिर हो पुनर्जन॥ (2)
राम राम पाहिमाम्,
मुकुन्द राम पाहिमाम्॥
हनुमान मार्ग में रक्षक हों,
भक्तों के मन में दीप जलें।
लव-कुश गाएँ राम कथा,
धरती पर धर्म फिर फले॥ (2)
राम राम पाहिमाम्,
मुकुन्द राम पाहिमाम्॥
मंदर और शूर्पणखा सब शांत हों,
अरविंद पुष्प खूब खिलें।
भारत में भरत वचन अमर हों,
अयोध्या फिर राम सँभालें॥ (2)
राम राम पाहिमाम्,
मुकुन्द राम पाहिमाम्॥
– जी. आर. कवियूर
06 नवंबर 2025
(कनाडा, टोरंटो)
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