तनहा तनहा दिल ने पुकारा,
तुम ही हो हमरे किनारा(2)
हर लम्हा तेरा नाम लिया है,
तेरे बिना सब सूना नज़ारा(2)
ख्वाबों में तू रौशन चाँद बनी,
दिल ने समझा तुझको सहारा(2)
तेरी हँसी से महका आलम,
तेरे बिना हर रंग गुज़ारा(2)
रातों में तेरी यादें बोलीं,
कब लौटेगा मेरा सितारा(2)
अब जी रहा हूँ बस तेरे दम पे,
जी आर कहे, तू ही किनारा(2)
जी आर कवियुर
09 10 2025
(कनाडा, टोरंटो)
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