“सच्चे रिश्ते”
रिश्ते खिलते हैं कठिन पलों में,
साथ खड़ा दिल हर हलचल में।
मुस्कान में जब नयन झिलमिलाए,
सच की रोशनी तब राह दिखाए।
हाथ थामे जब चल पड़ते हैं,
प्यार दुआ बन बरसते हैं।
बिन बोले मन बात बताता,
ख़ामोशी में स्नेह जगाता।
आंधी आए तो मन न टूटे,
छाया बन विश्वास न छूटे।
जीवन पथ पर रिश्ते चमकें,
आस्था से सपने दमकें।
जी आर कवियुर
04 10 2025
( कनाडा, टोरंटो)
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